Moh Moh Ke Dhaage |
Singer: Papon
Music: Anu Malik
Lyrics: Varun Grover
Features: Papon
The video of this song is available on YouTube at the official channel MTV Unplugged. This video is of 5 minutes 54 seconds duration.
Lyrics of "Moh Moh Ke Dhaage"
moh moh ke, moh moh ke dhaage
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
hai roam roam ek tara
hai roam roam ek tara jo badalo me se guzre
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
tu hoga zara paagal tune mujhko hai chuna
tu hoga zara paagal tune mujhko hai chuna
kaise tune ankahaa, tune ankahaa sab suna
tu hoga zara paagal tune mujhko hai chuna
tu din sa hai, main raat aana
dono mil jaaye shamo ki tarah
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
ke aisa beparwah man pehle to na tha
ke aisa beparwah man pehle to na tha
chitthiyo ko jaise mil gaya jaise ek naya sa pata
ke aisa beparwah man pehle to na tha
khali raahe hum aankh munde ja pahuche kahi to bewajah
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
hai roam roam ek tara
hai roam roam ek tara jo badalo me se guzre
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
hai roam roam ek tara jo badalo me se guzre
yeh moh moh ke dhaage teri ungliyo se jaa uljhe
koyi toh toh na laage kis tarah girha yeh suljhe
Lyrics in Hindi (Unicode) of "मोह मोह के धागे"
मोह मोह के, मोह मोह के धागे
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
हैं रोम रोम एक तारा
हैं रोम रोम एक तारा जो बादलो मे से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको हैं चुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको हैं चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको हैं चुना
तू दिन सा हैं, मैं रात आना
दोनों मिल जाए शामो की तरह
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
के ऐसा वेपरवाह मन पहले तो न था
के ऐसा वेपरवाह मन पहले तो न था
चिट्ठियों को जैसे मिल गया जैसे एक नया सा पता
के ऐसा वेपरवाह मन पहले तो न था
खाली राहे हम आँख मूंदे जा पहुंचे कही तो बेवजह
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
हैं रोम रोम एक तारा
हैं रोम रोम एक तारा जो बादलो मे से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
हैं रोम रोम एक तारा जो बादलो मे से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह न लागे किस तरह गिरहा ये सुलझे
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